Hindi Kahani: जो बेटी मायके की कमियों को ढक सकती है वो बहू बनने के बाद ससुराल की कमियों को क्यों नहीं ढंक पाती
” माफ करना समधन जी, लेकिन एक बेटी अपने मायके की दस कमियों को भी ढंक लेगी। लेकिन जब वही बेटी ससुराल में बहू बनकर जाती है तो अपने ससुराल की छोटी से छोटी कमी को नहीं ढंक पाती”सुधा जी ने अपनी समधन ममता जी से कहा।” समधन जी आप कहना क्या चाहती है अब