Parivarik kahani: सासू मां के वहम का मैं क्या कर सकती हूं
Parivary kahani: ” देखो बहू, मैं तो इस तरह की साड़ियां पहनती नहीं हूं। पर तुम्हारी मम्मी भेजने से बाज भी नहीं आती है। कितनी बार कहा है कि कैश ही दे दिया करें। लेकिन तुम हो कि बोलती ही नहीं। कल कामवाली आए तो उसे दे देना”ममता जी ने बहु निधि को उसकी मम्मी